गुग्गुल हवन सामग्री के फायदे और हवन करने का तरीका

गुग्गुल (Guggul) हवन सामग्री के फायदे इतना ज्यादा है कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे और हवन एक ऐसा विद्या है जिसे पुराने समय में ऋषि मुनि इसे किया करते थे।

हवन से निकालने वाला धूम रही हमारा चिकित्सा करता है आप हवन में जिस तरह के सामग्री डालेंगे उसी तरह से आपके शरीर को फायदा या नुकसान होगा।

अगर आप हवन के अंदर कचरा डालेंगे तो फिर उससे निकलने वाला धुंआ आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाएगा और वहीं अगर आप हवन के अंदर जड़ी बूटियों से बनी हुई सामग्री डालेंगे तो फिर वो आपके स्वसन तंत्र से अंदर जाकर आपके शरीर को कई तरह से फायदे पहुंचाएगा।

गुग्गुल जड़ी बूटियों के पेड़ से निकलने वाला गोंद होता है जिसे इकट्ठा करके मशीन के द्वारा प्रोसेस किया जाता है और उसमें और भी अलग-अलग कई तरह की जड़ी बूटियां मिलाकर हवन सामग्री बनाई जाती है।

इस पोस्ट में हम जानेंगे कि गुग्गुल हवन सामग्री के फायदे क्या है और इससे हवन कैसे किया जाता है, क्या हम घर के अंदर बैठकर हवन कर सकते हैं और हवन करते समय सामग्री का मात्रा हवन के अंदर कितना डालना चाहिए इत्यादि।

गुग्गुल हवन सामग्री के बारे में

गुग्गुल नाम का एक पेड़ होता है जो जंगलों में पाया जाता है इस पेड़ के टहनियों पर चाकू से छील दिया जाता है और फिर उस में से दूध निकलता है फिर 2 दिन बाद वही दूध सूख कर लाल हो जाता है और फिर उसे ही इकट्ठा किया जाता है।

ऐसे करके गुग्गुल के पौधे से गुग्गुल के गोंद इकट्ठा करके मशीन में प्रोसेस करके उसे हवन सामग्री बनाया जाता है और इस सामग्री से हवन करने पर निकलने वाला धुआं हमारे नाक के द्वारा हमारे शरीर में जाकर कई तरह के बीमारियों का इलाज करता है।

पतंजलि आयुर्वेद बड़ी मात्रा में गुग्गुल हवन सामग्री बनाती है और 250 ग्राम सामग्री को डब्बे में पैक करके बेचती है।

गुग्गुल हवन सामग्री के फायदे

हवन हमारे वातावरण को शुद्ध रखने के साथ ही हमारे सेहत के लिए भी बहुत जरूरी होता है। हम अपने शरीर के अलग-अलग बीमारियों के अनुसार अलग-अलग तरह के हवन सामग्री से हवन करते हैं।

गुग्गुल हवन सामग्री के मुख्य रूप से 5 बड़े फायदे हैं जिसके बारे में हम एक-एक करके नीचे बता रहे हैं।

1. बलकारक

गुग्गुल हवन सामग्री से हवन करने पर इससे निकलने वाला धुआं हमारे नाक में जाकर हमारे शरीर को शक्ति प्रदान करता है।

सुबह के समय योग प्राणायाम करते समय गुग्गुल हवन सामग्री को शांत अग्नि में डालें और फिर ऊपर से गाय का शुद्ध घी डालें और इस से निकलने वाला धुआं हमारे वातावरण को भी शुद्ध करेगा और हमारे नाक के द्वारा शरीर में जाकर बल उत्पन्न करेगा।

2. कण्ठकारक

अगर आपको गले का समस्या है जैसे गले का थायराइड या सर्दी जुखाम इत्यादि तो गुग्गुल हवन सामग्री एवं देसी घी के साथ में हवन करने से काफी लाभ मिलता है।

शुरुआती में हवन जलाते समय अन्य सामग्री से शुरुआत करें और जब अग्नि शांत हो जाए तब उसमें 5 से 10 ग्राम तक गुग्गुल हवन सामग्री को डालकर थोड़ा सा घी डालें और फिर अनुलोम विलोम, भस्त्रिका या कपालभाति प्राणायाम करते रहे।

3. ह्रदय

गुग्गुल हवन सामग्री से हवन करने पर हृदय को काफी लाभ मिलता है इससे निकलने वाला धुआं नाक के द्वारा हमारे शरीर में जाकर हृदय को मजबूती प्रदान करता है।

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए गुग्गुल हवन सामग्री से हवन करने के साथ खास करके अनुलोम विलोम प्राणायाम करें तत्पश्चात भस्त्रिका प्राणायाम भी करें।

4. त्रिदोषशामक

त्रिदोष यानी वात, पित्त एवं कफ को कहा जाता है। कई बार कई लोगों को एक साथ वात पित्त एवं कफ तीनों एक साथ बढ़ जाते हैं और शरीर के अंदर उपद्रव करने लगते हैं।

तो इस स्थिति में आप गुग्गुल हवन सामग्री से हवन करने के बाद उसके धूम्र में बैठकर अनुलोम विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम करना काफी लाभदायक सिद्ध होता है।

5. पुष्टिकारक

अगर आपका शरीर अंदर से कमजोर है तो गुग्गुल हवन सामग्री से हवन करने पर शरीर में बल मिलता है और बल भी बढ़ता है और धातु रोगों में भी काफी लाभ मिलता है।

इसके लिए हवन करने के बाद जब अग्नि शांत हो जाए तो उसके ऊपर 5 ग्राम तक गुग्गुल हवन सामग्री डालने के बाद गाय का शुद्ध देसी घी डालें और उस से निकलता हुआ धुआं को ग्रहण करते हुए प्राणायाम करें।

गुग्गुल हवन सामग्री के अन्य फायदे

गुग्गुल हवन सामग्री एक औषधीय प्राणवायु का समृद्ध स्रोत होता है और इससे हमारा वातावरण शुद्ध होता है यानी अगर आप हवन करते हैं तो आप अपना फायदा करते ही हैं साथ ही साथ पूरे वातावरण को भी शुद्ध करते हैं।

हवन करते समय हवन सामग्री एवं घी का आहुति देने पर उससे निकलने वाला धूम्र छोटे-छोटे हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करते हैं क्योंकि गुग्गुल हवन सामग्री में कीटाणु नाशक गुण होते हैं।

जो व्यक्ति गूगल हवन सामग्री से हवन करके उसका सुगंध लेता है उसे क्षय रोग नहीं होता है साथ ही मानसिक रोग भी दूर होते हैं इसके लिए गुग्गुल हवन सामग्री को शुद्ध देसी घी के साथ में हवन करें।

गुग्गुल से हवन कैसे करें?

हवन करते समय जब अग्नि शांत हो जाए यानी कि जलना बंद हो जाए तो उस आग पर 5 ग्राम तक गुग्गुल हवन सामग्री को डालें फिर ऊपर से थोड़ा सा घी डालें और उससे निकलने वाला धुआं को ग्रहण करें और साथ ही प्राणायाम भी करें।

कमरे के अंदर हवन करते समय एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि आपके कमरे का खिड़की और दरवाजा खुला हो ताकि हवन से निकलता हुआ धूम्र घर में इकट्ठा ना हो बाहर निकलता रहे।

पिछले पोस्ट में हमने वातेष्टि से हवन करने का तरीका सिखा था इसे आप यहां से पढ़ सकते हैं। Vateshti Se Hawan Kaise Kare वातेष्टि से हवन करते समय जब अग्नि शांत हो जाए तो उसी अग्नि के ऊपर आप गुग्गुल और घी डालकर गुग्गुल का हवन भी कर सकते हैं।

गुग्गुल हवन सामग्री कहां से मंगाए?

वैसे तो कई सारी कंपनियां गुग्गुल हवन सामग्री बनाती है लेकिन हम आपको पतंजलि दिव्य फार्मेसी में बना हुआ गुग्गुल हवन सामग्री मंगाने का सलाह देंगे।

पतंजलि में गुग्गुल हवन सामग्री 250 ग्राम के पैकेट में आता है और ये करीब ₹500 के आसपास में मिल जाता है वैसे समय के साथ इसका दाम घट या बढ़ सकता है इसलिए खरीदने से पहले चेक कर लिया करें।

पतंजलि से हवन सामग्री मंगाने के लिए आप घर बैठे ऑनलाइन patanjaliayurved.net वेबसाइट से आर्डर कर सकते हैं या फिर Order Me मोबाइल ऐप के जरिए भी मंगा सकते हैं।

नोट: ऊपर हमने गुग्गुल हवन सामग्री के बारे में जितनी भी बातें बताई है जैसे स्वास्थ्य लाभ या अन्य फायदे वो सब हमने अपने एक्सपीरियंस के आधार पर बताया है इसे आजमाने से पहले आप अपने वैद्य या चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

Leave a Comment

error: Content is protected !!